जो तू कह वा बात कहूँगा
तू कह दिन नै रात कहूँगा
A B C नै क ख कह दयूं
दो अर दो नै सात कहूँगा
तेरै बाप नै कितणा पिट्या
क्युक्कर घुस्से-लात कहूँगा
बीर तेरा सीखै कर्राटे
चढ़गी मेरी स्यात कहूँगा
गऊ धंसी गारया म्हें मेरी
साम्मण की बरसात कहूँगा
आ तन्नै कोळी म्हें भर के
दिल के सब ज़ज्बात कहूँगा
(हरियाणवी कविता संग्रह "मोर के चंदे" से...)
तू कह दिन नै रात कहूँगा
A B C नै क ख कह दयूं
दो अर दो नै सात कहूँगा
तेरै बाप नै कितणा पिट्या
क्युक्कर घुस्से-लात कहूँगा
बीर तेरा सीखै कर्राटे
चढ़गी मेरी स्यात कहूँगा
गऊ धंसी गारया म्हें मेरी
साम्मण की बरसात कहूँगा
आ तन्नै कोळी म्हें भर के
दिल के सब ज़ज्बात कहूँगा
(हरियाणवी कविता संग्रह "मोर के चंदे" से...)