आज इस दुनिया का रुख न्यू मोड़ दे!
तार दिल के तू दिलां तै जोड़ दे!!
मेरै म्हैं आच्छा सै वो ले ले तू,
जो ग़लत लाग्गै वो मेरी ओड़ दे!
हिन्दू मुस्लिम का यो झुट्ठा भ्रम,
आज अपणे हाथ तै तू तोड़ दे!
राबड़ी खावांगे आज्या प्रेम की,
देगचा ठा ल्या तू कड़छी रोड़ दे!
ज़िन्दगी का के भरोसा सै 'गुरु'
दो क़दम का साथ रह म्हैं छोड़ दे!!
-प्रवेश गौरी 'गुरु'
तार दिल के तू दिलां तै जोड़ दे!!
मेरै म्हैं आच्छा सै वो ले ले तू,
जो ग़लत लाग्गै वो मेरी ओड़ दे!
हिन्दू मुस्लिम का यो झुट्ठा भ्रम,
आज अपणे हाथ तै तू तोड़ दे!
राबड़ी खावांगे आज्या प्रेम की,
देगचा ठा ल्या तू कड़छी रोड़ दे!
ज़िन्दगी का के भरोसा सै 'गुरु'
दो क़दम का साथ रह म्हैं छोड़ दे!!
-प्रवेश गौरी 'गुरु'